Monday, September 21, 2020

आवेदन पत्र

सेवा में ;
अधिशासी अभियंता
विद्युत वितरण प्रखंड सिकन्दरपुर बलिया
विषय - मृतक व्यक्ति के नाम से बिजली बिल प्राप्त होने के संदर्भ में।
महोदय, हमने दिनांक 06.04.सन् 1973 को दस हार्सपावर का निजी नलकूप कनेक्शन लिया था। तब मीटर अनुपलब्ध रहने और विलंब होने की दशा में कनेक्शन का प्रकार  D/C था। यह कनेक्शन जगदीश मिश्र के नाम से था।
उपभोक्ता जगदीश मिश्र के पुत्रगणों (स्व. ब्रजराज स्व. विजयशंकर स्व. शिवशंकर स्व. दयाशंकर) के द्वारा दिनांक 19.02.1976 को दिए अपने प्रार्थना पत्र के बिंदु तीन से स्पष्ट है कि इस दिनांक तक उपभोक्ता जगदीश मिश्र के जिवित न रहने की दशा में अभिलेखों में संसोधन कर वारिसों के नाम पर कनेक्शन किया गया था। (तत्कालीन आवेदन पत्र की रिसिविंग की छाया प्रति संलग्न है)
               इसके बाद 12.04.1990 को जब यह कनेक्शन दयाशंकर मिश्र के नाम से था तब तत्कालीन अधिशासी अभियंता के द्वारा मौका निरीक्षण करके आटा चक्की हटा दिया गया और समस्त बिल रुपये 800 सौ (आठ सौ) जमा कर दिया गया था। (जिसकी जमा रसीद और निरीक्षण की रिपोर्ट की छाया प्रति संलग्न है)
           तत्पश्चात एग्जिक्यूटिव इंजीनियर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन प्रथम के कार्यालय से दिनांक 18.05.1990 को एक आफिस मेमोरेण्डम निकाला गया जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया कि दिनांक 16.04.1990 के बाद दयाशंकर मिश्र के नाम कोई भी बकाया राशि शेष नहीं है।
इसके बाद बिजली कनेक्शन काट दिया गया था और सन 1991-92 में बिजली के खंभे, तार इत्यादि विभाग द्वारा हटा लिए गए थे।
                        इस घटना को बीते आज लगभग तीस वर्ष हो गए हैं। तब के द्वितीय उपभोक्ता दयाशंकर मिश्र को मरे भी दस वर्ष से अधिक हो गए।
लेकिन दिनांक 19 सितम्बर 2020 को अचानक बिजली विभाग सिकन्दरपुर के कुछ कर्मचारी आए और बकायेदारों की सूची में दयाशंकर मिश्र का नाम दिखाया जिसमें बकाया धनराशि 1035354 (दस लाख पैंतीस हजार तीन सौ चौवन रुपये) है।जिससे हम प्रार्थी को अपार मानसिक कष्ट हुआ है।
                   महोदय इस संबंध में निवेदन है कि विभाग द्वारा मौका मुआयना कराया जाए तथा कुछ ग्रामीणों से बातचीत की जाए जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वो ट्यूबवेल अब खंडहर की हालत में है, वहाँ वर्षों से न कोई बिजली खंभा है, न कोई तार, न मोटर, न आटाचक्की यहाँ तक कि एक बल्ब और होल्डर तक नहीं है।
                अत: श्री मान से निवेदन है कि सन् 1973 से 1990 तक की समस्त पत्रावलियों की विवेचना कर ली जाए और लेजर बुक की त्रुटियों का निराकरण करते हुए सैंतालिस वर्ष पूर्व का कनेक्शन बंद कर दिया जाए।
                उपरोक्त संदर्भ में यह भी निवेदन है कि 1973 से लेकर 1990 तक के समस्त बिल उसकी जमा रसीद तथा विभाग और उपभोक्ता के बीच हुए समस्त पत्राचार की रिसिविंग उपलब्ध है। आपके कार्यालय से जब भी आदेश मिलेगा तो मय साक्ष्यों के साथ उपस्थित हो जाऊँगा।
भवदीय -
असित कुमार मिश्र
कृते- स्व. दयाशंकर मिश्र
ग्राम - मिश्रचक
पत्रालय - सिकन्दरपुर
जनपद-बलिया (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल - 7897176716

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